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योग की उत्पत्ति

योग की उत्पत्ति

अनादि काल से ही भारतीय चिंतन और साधना की परंपरा प्रवाहित होती आ रही है जिसमें योग भी सम्मिलित है। अनादि काल से ही भारतीय चिंतन और साधना की परंपरा प्रवाहित होती आ रही है जिसमें योग भी सम्मिलित है। ऐतिहासिक दृष्टि से यह तय करना बहुत कठिन है कि योग की उत्पत्ति कब और कहां हुई। योग का उल्लेख वेदों में मिलता है, इसलिए योग निश्चित रूप से बहुत प्राचीन काल से चला आ रहा है। भारतीय मान्यता और परंपरा के अनुसार ब्रह्मांड लगभग दो से तीन अरब वर्ष पुराना है और इससे पहले भी विभिन्न कल्पों की रचनाएं हुई हैं, इसलिए वेदों की तरह योग भी अनादि और अनादि है। योग भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिक परंपरा का अभिन्न अंग है। यह केवल शारीरिक व्यायाम नहीं है, बल्कि आत्मा, मन और शरीर का दिव्य संयोग है। इसका मुख्य उद्देश्य आत्मसाक्षात्कार और मोक्ष प्राप्त करना है। योग का वर्णन वेदों, उपनिषदों, भगवद् गीता, पतंजलि योग सूत्र और अन्य प्राचीन ग्रंथों में भी मिलता है।

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